निमशहरी व ग्रामीण भागात अती लहान उद्योगांना आर्थिक सहाय्य उपलब्ध करुन त्यांचा विकास साधणे व याद्वारे अधिक रोजगारसंधी व स्वयंरोजगार निर्माण करण्यासाठी जिल्हा उद्योग केंद्र कर्ज योजना सुरु करण्यात आली. ही योजना जिल्हास्तरीय योजना असून जिल्हास्तरावर जिल्हा उद्योग केंद्र कार्यालयामार्फत राबविली जाते.
सर्व साधारण (₹ लाखात) | |||||
वर्ष | नियतव्यय | तरतुद | खर्च | उद्दिष्ट | साध्य |
२०११-१२ | १२४.६१ | १२४.६१ | १४.४४ | ४१६ | ७४ |
२०१२-१३ | ३९.६७ | ३९.६७ | ४३.८३ | ३९ | ४३ |
२०१३-१४ | ४७.३० | ४९.८० | ४६.६० | १२९ | १५८ |
२०१४-१५ | ३३४.११ | ८१.३६ | ७३.८१ | २०८ | १८२ |
विशेष घटक योजना (₹ लाखात) | |||||
वर्ष | नियतव्यय | तरतुद | खर्च | उद्दिष्ट | साध्य |
२०११-१२ | ५१.५६ | ५१.५६ | १६.३२ | १७२ | ३१ |
२०१२-१३ | ११५.३० | ९५.८० | ७६.०० | २४७ | १९३ |
२०१३-१४ | ९२.१० | ९२.१० | ७५.१५ | २४० | १९१ |
२०१४-१५ | ८२.७५ | ८२.७५ | ७२.४८ | २१५ | १६८ |
आदिवासी उपयोजना (जनजाती क्षेत्रांतर्गत) (₹ लाखात) | |||||
वर्ष | नियतव्यय | तरतुद | खर्च | उद्दिष्ट | साध्य |
२०११-१२ | ६.०५ | ६.०५ | ५.१४ | २० | १६ |
२०१२-१३ | ५.८५ | ५.८५ | ५.२४ | १६ | २१ |
२०१३-१४ | ६.५० | ६.५० | ६.५० | १६ | १८ |
२०१४-१५ | ७.११ | ७.११ | ७.११ | १९ | १६ |
आदिवासी उपयोजना (जनजाती क्षेत्राबाहेरील) (₹ लाखात) | |||||
वर्ष | नियतव्यय | तरतुद | खर्च | उद्दिष्ट | साध्य |
२०११-१२ | ४.५५ | ४.५५ | ३.८७ | १५ | ६ |
२०१२-१३ | ५.५६ | ५.५६ | ४.९८ | १७ | २७ |
२०१३-१४ | ६.३६ | ६.३६ | ६.२५ | १६ | २३ |
२०१४-१५ | ६.८४ | ६.८४ | ६.८४ | १९ | २१ |
शासन निर्णय आणि सूचना | |
जिल्हा उद्योग केंद कर्ज योजना शा.नि. - २६.१०.२०१० | तपशील पहा |
जिल्हा उद्योग केंद कर्ज योजना शा.नि. - ०३.१२.१९८५ | तपशील पहा |
जिल्हा उद्योग केंद कर्ज योजना शा.नि. - १२.०९.१९७९ | तपशील पहा |
होय. या योजनेचा मुळ उद्देश निमशहरी व ग्रामीण भागात अतिलहान उद्योगांना आर्थिक सहाय्य उपलब्ध करुन त्यांचा विकास साधणे व त्या द्वारे अधिक रोजगार संधी व स्वयं रोजोगार निर्माण करणे असा आहे. ज्या छोट्या उद्योगाची २ लाख रुपयापर्यंत यंत्र सामुग्री मध्ये स्थिर भांडवली गुंतवणूक असेल अशा संपूर्ण स्थिर मालमत्तेच्या (Fixed assets) सर्वसाधारण उमेदवारांसाठी २० टक्के व मागास वर्गीय उमेदवारांसाठी ३० टक्के इतकी रक्कम बीजभांडवलाच्या रुपात कर्ज म्हणून मिळू शकते.
या योजने खाली सर्वसाधारण प्रवर्गाच्या लहान उद्योग घटकाला कमाल ४०,००० रुपयां पर्यंत व अनुसूचित जाती / जमातीच्या उद्योजकाला कमाल ६०,००० रुपयांपर्यंत बीजभांडवलरुपाने कर्ज दिले जाते. वित्तीय महामंडळ किंवा बॅंका यांनी कर्ज मंजूर केलेल्या उद्योजकांना असे कर्ज देता येते, उद्योग घटक हा सन १९८१ च्या जनगणनेनुसार १ लाखापेक्षा कमी लोकवस्तीच्या ठिकाणी असा वयास पाहिजे. त्याची स्थिर मालमत्तेतील गुंतवणूक २ लाखापेक्षा जास्त असता कामानये. यासाठी वय व शिक्षणाची अट नाही. या कर्ज योजनेचा फायदा माजीसैनिक, वंश परंपरागत कारागीर, कुशल कारागीर व वर्तमान उद्योग धंदा करणा-यांना मिळू शकतो.